हमारा शरीर पंच तत्व से मिलकर बना हैं। मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, आकाश, ओर इन पंच तत्वों का सन्तुलन ही हमारी नीरोगता है, जब किन्हीं कारणों से हमारे शरीर मे पंचतत्वो का संन्तुलन बिगड़ जाता है, तो शरीर अनेक रोगों से घिर जाता है, जब हम पुनः पंच तत्वों के संन्तुलन के लिए पंच तत्वों का प्रयोग करते है तो यह विधि प्राकृतिक चिकित्सा कहलाती हैं।
रविवार, 14 फ़रवरी 2021
रोग प्राकृति माता का शुभाषीश व वरदान है||प्राकृतिक चिकित्सा||नेचुरोपैथी ...
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