राजीव दीक्षित जी कि
कलम से ! पेप्सी और कोका कोला
भारत मे जो सबसे ज्यादा विदेशी
कंपनिया काम कर रही हैं वो अमेरिका से आई है ! उनमे से एक नाम है pepsi cola दूसरी का नाम है cocacola
! जिसको हम coke pepsi भी कह देते है !,
भारत मे बिकने वाले सॉफ्ट ड्रिंक क्षेत्र में अमेरिका की दो
कंपनियों का एकाधिकार है,!
1990-91 में दोनों
कंपनियों का संयुक्त रूप से जो विदेशी पूंजी निवेश था भारत में, उसे सुन कर आश्चर्य करेंगे आप, दोनों ने मिलकर लगभग 10
करोड़ की पूंजी लगाई थी भारत में, कुल जमा 10
करोड़ रुपया (डौलर नहीं) | अर्थशास्त्र की
भाषा में इसको Initial Paid-up Capital कहते हैं | मतलब शुरुवाती पूंजी ! वो केवल 10 करोड़ कि है !
इन दोनों
कंपनियों के कुल मिलाकर 64 कारखाने हैं
पुरे भारत में ! और मैं जब उन कारखानों में घुमा और इनके अधिकारियों से बात कर के
जानकारी लेने की कोशिश की !, क्योंकि इनके वेबसाइट पर इनके
बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती है, इन कंपनियों ने
भारत के शेयर बाजार में भी अपनी लिस्टिंग नहीं कराई है, इनका
रजिस्ट्रेशन नहीं है हमारे यहाँ के शेयर मार्केट में | बॉम्बे
स्टोक एक्सचेंज (BSE) या NSE में जिन
कंपनियों की लिस्टिंग नहीं होती उनके बारे में पता करना या उनके आंकड़े मिलना एकदम
असंभव होता है | listing होती तो SEBI (security
exchange board of INDIA) से सारी जानकारी मिल जाती
इन कंपनियों
के एक बोतल पेय की लागत मात्र 70 पैसे होती है, आप कहेंगे कि मुझे कैसे मालूम ?
भारत सरकार का एक विभाग है जिसका नाम है BICP, ब्यूरो ऑफ़ इंडस्ट्रियल कास्ट एंड प्राईसेस, यही वो विभाग
है जिसे भारत में उत्पन्न होने वाले हर औद्योगिक उत्पादन की लागत पता होती है,
वहीं से मुझे ये जानकारी मिली थी | आप हैरान
हो जायेंगे ये जानकर कि 70 पैसे का जो ये लागत है इनका वो एक्साइज
ड्यूटी देने के बाद की है, यानि एक्स-फैक्ट्री कीमत है ये |
अगर एक बोतल 10 रुपया में बिक रहा है तो लगभग 1500%
का लाभ ये कंपनी एक बोतल पर कमा रही है 1500%!
और जब पेप्सी
और कोका कोला के 64 कारखानों में
होने वाले एक वर्ष के कुल उत्पादन के बारे में पता किया तो पता चला कि ये दोनों
कंपनियाँ एक वर्ष में 700 करोड़ बोतल तैयार कर के भारत के
बाजार में बेंच देती हैं | और कम से कम 10 रूपये में एक बोतल वो बेचती हैं तो आप जोडिये कि हमारे देश का 7000
करोड़ रुपया लूटकर वो भारत से ले जाती हैं | और
इस 7000 करोड़ रूपये की लुट होती है
एक ऐसे पानी को बेच कर जिसमे जहर ही जहर है, एक पैसे की न्यूट्रीशनल वैल्यू नहीं है इसमे |
एक ऐसे पानी को बेच कर जिसमे जहर ही जहर है, एक पैसे की न्यूट्रीशनल वैल्यू नहीं है इसमे |
भारत के कई
वैज्ञानिकों ने पेप्सी और कोका कोला पर रिसर्च करके बताया कि इसमें मिलाते क्या
हैं। यदि पेप्सी और कोका कोला वालों से पूछिये तो वो बताते नहीं हैं, कहते हैं कि ये
फॉर्मूला टॉप सेक्रेट है, ये बताया नहीं जा
सकता, लेकिन आज के युग में कोई भी सेक्रेट को सेक्रेट बना के नहीं रखा जा सकता, तो
उन्होंने अध्ययन कर के बताया कि इसमें मिलाते क्या हैं, तो वैज्ञानिको का
कहना है इसमे कुल 21 तरह के जहरीले
कैमिकल मिलाये जाते हैं।
कुछ नाम बताता हूँ। इसमें
पहला जहर जो मिला होता है - सोडियम मोनो ग्लूटामेट, और वैज्ञानिक कहते
हैं कि ये कैंसर करने वाला रसायन है। फिर दूसरा जहर है -
पोटैसियम सोरबेट - ये भी कैंसर करने वाला है। तीसरा जहर है -
ब्रोमिनेटेड वेजिटेबल ऑइल (BVO) - ये भी कैंसर करता है। चोथा जहर है - मिथाइल
बेन्जीन - ये किडनी को खराब करता है। पाँचवा जहर है -
सोडियम बेन्जोईट - ये मूत्र नली का, लीवर का कैंसर करता है। फिर इसमें सबसे खराब
जहर है एंडोसल्फान - ये कीड़े मारने के लिये खेतों में डाला जाता है। ऐसे करते
करते इस में कुल 21 तरह के जहर मिलये
जाते हैं।
ये 21 तरह के जहर तो एक
तरफ है और हमारे देश के पढ़े लिखे लोगो के दिमाग का हाल देखिये - बचपन से उन्हे
किताबों मे पढ़ाया जाता है। कि मनुष्य को प्राण वायु आक्सीजन अंदर लेनी चाहिऐ और
कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकलनी चाहिये ये जानने के बावजूद भी गट गट कर उसे पी रहे
हैं। और पीते ही एक दम नाक मे जलन होती और वो सीधा दिमाग तक जाती है। और फिर दूसरा
घूट भरते है गट गट गट......
और हमारा दिमाग इतना
गुलाम हो गया है ! आज हम किसी बिना Coke, Pepsi के जहर के किसी भी शादी विवाह
पार्टी के बारे मे सोचते भी नही। कार्बन डाईऑक्साइड - जो कि बहुत जहरीली गैस है और
जिसको कभी भी शरीर के अन्दर नहीं ले जाना चाहिये। और इसीलिये इन कोल्ड ड्रिंक्स को
(कार्बोनेटेड वाटर) कहा जाता है। और इन्ही जहरों से भरे पेय का प्रचार भारत के
क्रिकेटर और अभिनेता, अभिनेत्री करते हैं पैसे के लालच में, उन्हें देश और
देशवाशियों से प्यार होता तो। ऐसा कभी नहीं करते। पहले अमीर खान ये जहर बिकवाता था
अब उसका भांजा बिकवाता है। अमिताभ बच्चन, शरूखान, रितिक रोशन लगभग सबने इस कंपनी का जहर भारत मे बिकवाया है।
क्यूंकि इनके लिये देश से बड़ा पैसा है।
पूरी क्रिकेट टीम इस
दोनों कंपनियो ने खरीद रखी है। और हमारी क्रिकेट टीम की कप्तान धोनी जब नये नये
आये थे। तब मीडिया मे ऐसी खबरे आती थी, रोज 2 लीटर दूध पीते हैं धोनी। ये दूध पीकर धोनी बनने वाला धोनी
आज पूरे भारत को पेप्सी का जहर बेच रहा है, और एक बात ध्यान दे जब भी क्रिकेट मैच
की दौरान water break होती है तब इनमे से कोई खिलाड़ी pepsi coke क्यूँ नहीं पीता ????? क्यूँ कि ये सब
जानते है ये जहर है। इन्हे बस ये देश वासियो को पिलाना है।
ज्यादातर लोगों से
पूछिये कि आप ये सब क्यों पीते हैं ? तो कहते हैं कि ये बहुत अच्छी क्वालिटी का है अब पूछिये कि
अच्छी क्वालिटी का क्यों है तो कहते हैं कि अमेरिका का है और ये उत्तर पढ़े-लिखे
लोगों के होते हैं।
तो ऐसे लोगों को ये
जानकारी दे दूँ कि अमेरिका की एक संस्था है FDA (Food and Drug Administration) और भारत में भी ऐसी ही एक संस्था है, उन दोनों के
दस्तावेजों के आधार पर मैं बता रहा हूँ कि, अमेरिका में जो पेप्सी और कोका कोला बिकता है और भारत में
जो पेप्सी-कोक बिक रहा है, तो भारत में बिकने
वाला पेप्सी-कोक, अमेरिका में बिकने
वाले पेप्सी-कोक से 40 गुना ज्यादा जहरीला
होता है, सुना आपने ? 40 गुना, मैं प्रतिशत की बात
नहीं कर रहा हूँ। और हमारे शरीर की एक क्षमता होती है जहर को बाहर निकालने की, और उस क्षमता से 400 गुना ज्यादा जहरीला
है, भारत में बिकने वाला
पेप्सी और कोक तो सोचिये। बेचारी आपकी किडनी का क्या हाल होता होगा। जहर को बाहर
निकालने के लिये, ये है पेप्सी-कोक की क्वालिटी, और वैज्ञानिकों का
कहना है कि जो ये पेप्सी-कोक पियेगा उनको कैंसर, डाईबिटिज, ओस्टियोपोरोसिस, ओस्टोपिनिया, मोटापा, दाँत गलने जैसी 48 बीमारियाँ होगी।
पेप्सी-कोक के बारे में आपको एक और
जानकारी देता हूँ - स्वामी रामदेव जी इसे टॉयलेट क्लीनर कहते हैं, आपने सुना होगा (ठंडा
मतलब टाइलेट कालीनर ) तो वो कोई इसको मजाक में नहीं कहते या उपहास में नहीं कहते
हैं, देश के पढ़े लिखे मूर्ख लोग समझते है कि ये बात किसी ने
ऐसे ही बना दी है। इसके पीछे तथ्य है, ध्यान से पढ़े। इसके पीछे तथ्य है, ध्यान से पढ़े। तथ्य ये कि टॉयलेट क्लीनर
harpic और पेप्सी-कोक की Ph value एक ही है। मैं आपको सरल भाषा में
समझाने का प्रयास करता हूँ। Ph एक इकाई होती है जो acid
की मात्रा बताने का काम करती है। और उसे मापने के लिए Ph मीटर होता है। शुद्ध पानी का Ph सामान्यतः
7 होता है ! और (7 Ph) को सारी दुनिया
में सामान्य माना जाता है, और जब पानी में आप हाईड्रोक्लोरिक
एसिड या सल्फ्यूरिक एसिड या फिर नाइट्रिक एसिड या कोई भी एसिड मिलायेंगे तो Ph
का वैल्यू 6 हो जायेगा, और
ज्यादा एसिड मिलायेंगे तो ये मात्रा 5 हो जाएगी, और ज्यादा मिलायेंगे तो ये मात्रा 4 हो जाएगी,
ऐसे ही करते-करते जितना acid आप मिलाते जाएंगे
ये मात्रा कम होती जाती है | जब पेप्सी-कोक के एसिड का जाँच
किया गया तो पता चला कि वो 2.4 है और जो टॉयलेट क्लीनर होता
है उसका Ph और पेप्सी-कोक का Ph एक ही
है, 2.4 का मतलब इतना ख़राब जहर कि आप टॉयलेट में डालेंगे तो
ये झकाझक सफ़ेद हो जायेगा | इस्तेमाल कर के देखिएगा |
और हम लोगो का हाल ये है ! घर मे
मेहमान को आती ये जहर उसके आगे करते है !
दोस्तो हमारी
महान भारतीय संस्कृति मे कहा गया है ! अतिथि देवो भव ! मेहमान
भगवान का रूप है ! और आप उसे टॉइलेट साफ पीला रहे हैं !!
भगवान का रूप है ! और आप उसे टॉइलेट साफ पीला रहे हैं !!
अंत मे राजीव भाई
कहते हैं ! कि देश का युवा वर्ग सबसे ज्यादा इस जहर को पीता है। और नपुंसकता कि
बीमारी सबसे ज्यादा ये जहर पीकर हो रही है ! और कहीं न कहीं मुझे लगता है ! ये pepsi,
coke पूरे देश व पूरी जवान पीढ़ी को खत्म कर देगा ! इस लिये हम सबको मिलकर स्कूलों
कालेजो मे जा जा कर बच्चो को समझना चाहिये ! राजीव भाई जा कहना है ! आप बस स्कूल
कालेजो मे जाते ही उनके सामने इस pepsi,coke से वहाँ का टाइलेट साफ कर के दिखा दी
जीये ! एक मिनट में ही वो मान जा।येगे !
और बच्चे अगर मान गये
तो उनके घर वाले खुद पर खुद मान जा।येगे ! वो एक कहावत हैं न son is a
father of father ! बच्चा बाप का बाप
होता है ! तो बच्चो को समझाये ! बच्चे ये जहर छोड़े बड़े छोड़े और इस दोनों
अमेरीकन कंपनियो को अपने देश भगाये ! जैसे हमने east
india company को भगाया था !!
वन्देमातरम
!!!!!!!!!!
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